ताहिर राज भसीन के खाते में कई दिलचस्प फिल्में हैं। एक तो टीम इंडिया की पहली वर्ल्ड कप जीत पर बेस्ड ‘83’ है। दूसरी हाल ही में उन्होंने ‘लूप लेपटा’ साइन की है। उसमें तापसी पन्नू उनके अपोजिट हैं। ‘83’ से पहले उनकी ‘छिछोरे’ आई थी। पिछले साल ‘मंटो’ में भी उनकी अहम भूमिका थी। हाल ही में एक्टर ने बताया कि 83 फिल्म मिलने में इन दोनों ही फिल्मों का हाथ रहा है।
ताहिर ने कहा, ‘संयोग से कबीर खान सर का ऑफिस और छिछोरे के लिए नितेश तिवारी का प्रोडक्शन ऑफिस एक ही बिल्डिंग में था। जब कबीर सर 83 के लिए प्रॉपिंग कर रहे थे, उस वक्त मैं छिछोरे के लिए रिहर्सल कर रहा था। हम कई बार एक दूसरे के आमने-सामने से गुजरे, लेकिन उन्होंने कभी अपनी इस फिल्म के बारे में बात नहीं की।
जब कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा ने 'मंटो' फिल्म देखी, जिसमें मैंने 40 के दशक के बॉलीवुड स्टार श्याम चड्ढा का किरदार निभाया है, तब मुकेश जी ने मुझे कबीर सर से मिलाया। उन्होंने मुझसे सुनील गावस्कर के किरदार के बारे में बात की। क्रिकेट इतिहास के सबसे शानदार हिस्से पर बन रही फिल्म में काम करने का मौका मिलने की बात ही मुझे 83 की ओर खींच लाई।‘
##पहली बार लूप लपेटा में लीड रोल निभाएंगे ताहिर
उन्होंने फिल्म '83' को साइन करने के पीछे की वजह बताई कि उसमें देशभर के बेस्ट एक्टिंग टैलेंट एक साथ काम कर रहे थे, इसलिए इसे किया। ताहिर ने आगे के बारे में बताया, "छिछोरे फिल्म को बड़ी कामयाबी मिली और इसमें डेरेक का किरदार मेरे लिए जबरदस्त साबित हुआ। यह मेरे लिए बेहद सुकून की बात थी।
‘लूप लपेटा’ से एक नए चैप्टर की शुरुआत हो रही है क्योंकि इसमें मैं हीरो की भूमिका निभा रहा हूं, और मैं इसमें काम करने को लेकर बेहद उत्साहित हूं। फिल्म '83' का हिस्सा बनने के बारे में, मैं केवल इतना ही कहूंगा कि कुछ प्रोजेक्ट्स ऐसे होते हैं, जिनकी स्क्रिप्ट पढ़ने के बाद ही आपको मालूम हो जाता है कि जिंदगी में इस तरह के मौके बार-बार नहीं मिलते हैं।
83 जैसी फिल्में बार-बार नहीं बनतीं
ताहिर आगे कहते हैं, “मेरे लिए '83' भी बिल्कुल ऐसी ही फिल्म है, जिससे मुझे काफी कुछ सीखने को मिला। यह फिल्म साइन करने से पहले मैंने खुद से केवल यही सवाल किया कि वर्ल्ड कप पर अगली फिल्म कब बनेगी, जिसमें फिल्म के सभी कलाकार 3 महीने के लिए यूके (UK) जाएंगे और एक टीम की तरह रहते हुए अलग-अलग शहरों में ट्रेनिंग करेंगे, साथ ही लॉर्ड्स और ओवल की तरह आईकॉनिक क्रिकेट लोकेशन्स पर शूट करेंगे?"
कबीर खान फैक्ट्स के सही होने पर बारीकी से ध्यान देते हैं और इस फिल्म में सुनील गावस्कर के रोल के लिए मुझे विजुअल और ऑडियो रेफरेंस दिए। वह मेरी क्रिकेट प्रैक्टिस पर भी नजर रखते थे, क्योंकि इस तरह की फिल्म में शारीरिक हाव-भाव की अहमियत काफी अधिक होती है। मैं इस बात का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं कि, हम सभी की मेहनत स्क्रीन पर कितना रंग लाएगी।”
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from Dainik Bhaskar
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