अमेजन प्राइम की वेब सीरीज बंदिश बंडिट्स 4 अगस्त को रिलीज होने के लिए तैयार है। फिल्म में रित्विक भौमिक और श्रेया चौधरी मुख्य किरदार में हैं। इस फिल्म में नसीरुद्दीश शाह और अतुल कलकर्णी भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। नसीरुद्दीन साल 1994 में एनएसडी के शिक्षक रह चुके हैं। उस समय अतुल वहां के छात्र थे। ऐसे में नसीर के साथ काम करना उनके लिए बेहद खास था। इस बारे में अतुल ने भास्कर से बातचीत करते हुए अपना एक्सपीरियंस शेयर किया है।
क्या है बंदिश बंडिट्स? किस तरह की वेब सीरीज है ये?l
बंदिश बंडिट्स एक ऐसी म्यूजिकल लव स्टोरी है जिसमें पॉप संगीत और क्लासिकल सिंगिंग की बंदिश है, दो अलग तरह के संगीत का मिश्रण है। मुझे जब यह रोल मिला था तो मुझे बहुत चैलेंजिंग लगा था और साथ ही इस सीरीज की कहानी मेरे दिल को छू गई और इसलिए मैंने इस रोल के लिए हामी भर दी।
नसीरुद्दीन शाह के साथ दोबारा काम करने का एक्सपीरियंस कैसा रहा?
सबसे पहले तो मैं यह बताना चाहूंगा कि नसीरुद्दीन शाह मेरे को-एक्टर से पहले मेरे टीचर रह चुके हैं। एनएसडी में 1994 - 95 के बीच उन्होंने हमें पढ़ाया है। साथ ही उन्होंने मेरे लगभग सारे प्ले और सारी फिल्में भी देखी है, तो उनके साथ मेरा यह चौथा या पांचवा प्रोजेक्ट था। उनके साथ काम करना हमेशा से मजेदार होता है क्योंकि बहुत कुछ सीखने को मिलता है। अपने शिक्षक के साथ काम करने का मौका बहुत कम लोगों को मिल पाता है। साथ ही हम दोनों एक दूसरे के काम से वाकिफ भी हैं। उन्होंने अपने कई इंटरव्यू में मेरी फिल्म नटरंग की भी तारीफ की है।
इस सीरीज में कितना चैलेंजिंग था आपको रोल?
इस सीरीज में जो मेरा किरदार है वह एक गायक का है जो संगीत के एक घराने से ताल्लुक रखता है। साथ ही इस कैरेक्टर के लिए मुझे काफी कड़ी मेहनत करनी पड़ी क्योंकि भले ही मेरे गाने जो है वह शंकर महादेवन दे डब किए हैं लेकिन उन गानों की लंबी तान और उनके अलाप वह सीखना भी अपने आप में काफी मुश्किल था। मुझे याद है अक्षत नाम का एक सिंगर हमारे साथ हुआ करता था। जैस ही हमे गाने मिलते थे अक्षत हमारे साथ बैठकर हमें तान सिखाता था। तो उन चीजों पर मैंने बहुत मेहनत की है लगभग 6 महीने इस रोल के लिए मेहनत की है मैंने।
आपको असल जिंदगी में किस तरह का म्यूजिक सुनना पसंद है?
मैं अगर सच कहूं तो मुझे संगीत में ज्यादा रुचि नहीं है। मैं कार चलाते वक्त या खाली समय में भी संगीत ज्यादा नहीं सुनता। मैंने बहुत कोशिश की अलग-अलग जॉनर का संगीत सुनने की लेकिन मेरा दिल नहीं लगा। मुझे संगीत के बाद की शांति वह ज्यादा पसंद है।
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इस लॉकडाउन से आपने क्या सीखा है?
देखिए मैं बस यही कहना चाहूंगा की इस लॉकडाउन से मैंने यही सीखा है कि जिस तरीके का मैं जीवन जीता आ रहा हूं वह एकदम सही है। मैं मुंबई की भागदौड़ से दूर अपने फार्महाउस पर ही रहता हूं और जब काम पड़ता है तभी मुंबई में आता हूं। प्रकृति के साथ ज्यादा वक्त बताता हूं।
करियर में आए उतार-चढ़ाव से कैसे उबरते हैं ?
सबसे पहले तो मैं यही बताना चाहूंगा कि मेरे लिए मेरा कैरियर, मेरा प्रोफेशन बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन वह मेरी जिंदगी का एक हिस्सा है पूरी जिंदगी नहीं। मैंने 4 महीने से कोई शूटिंग नहीं की और अगर आगे भी कुछ महीनों तक मुझे शूटिंग ना करने को मिले तो भी मुझे कोई तकलीफ नहीं है। दुनिया में मुझसे भी ज्यादा परेशान और भी लोग हैं और जहां तक की करियर में परेशान होने की बात आती है, मैं हमेशा सबको यही सलाह दूंगा कि आप खुद को अपने पास्ट से कंपेयर करें कि पहले आप क्या थे कैसे थे और अब की स्थिति में आप क्या है तो आपको खुद ही पता चल जाएगा कि आपने कितनी मेहनत की है। आप कितनी मेहनत से इस मुकाम पर आए हैं। इस तरह से आप कभी भी लो नहीं फील करेंगे।
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डायरेक्टर, एक्टर, राइटर और एनवायरमेंटलिस्ट, इन भूमिकाओं को कैसे मैनेज करते हैं?
24 एकड़ की बंजर भूमि है सातारा में जिसे हमने फिरसे हरा भरा बनाने का जिम्मा उठाया है। हम अभी तक 8000 पेड़ लगा चुके हैं और काम अभी भी चल रहा है। इस प्रकृति को हरा-भरा बनाने का जो मैंने जिम्मा मैने उठाया है , उसमें खुश हूं। मै अपने फॉर्महाउस पर रहता हूं पास में ही मेरा एक एनजीओ भी है जिसे मैं चलाता हूं।
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from Dainik Bhaskar
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