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परिवार के साथ बर्थडे सेलिब्रेट करेंगी भूमि पेडनेकर, खास दिन मांगी वैक्सीन बनने और प्रभावित लोगों की जिंदगी के लिए दुआ

बॉलीवुड एक्ट्रेस भूमि पेडनेकर आज अपना 31वां जन्मदिन घर पर ही सेलिब्रेट कर रही हैं। जहां हर साल वो अपने चाहने वालों के बीच रहती आई हैं वहीं इस साल महामारी के चलते एक्ट्रेस अपनी बहन और मां के साथ समय बिताने वाली हैं। दैनिक भास्कर से बातचीत में एक्ट्रेस ने बर्थडे सेलिब्रेशन के अलावा लॉकडाउन और शूटिंग से जुड़ी कई दिलचस्प बातें शेयर की है।

बहन और मां के साथ सेलिब्रेट करेंगी भूमि

इस बार जन्‍मदिन अलग तरह से स्‍पेशल रहने वाला है। वह यूं कि मैं किसी से नहीं मिल रही। अपने परिवार के साथ घर पर ही रहने वाली हूं। बर्थडे प्‍लान बड़े सिंपल और बेसिक रहने वाले हैं। इस महामारी के चलते प्रभावित लोगों की जिंदगियां बेहतर हो जाएं, वैक्‍सीन आ जाए, वही इस जन्‍मदिन की सबसे बेहतर सौगात होगी। यबीते सालों में मैं इसका सेलिब्रेशन बड़े धूमधाम से करती थी, अपने चाहने वालों को बुलाती ही थी। लोग मुझे पैंपर करें, बड़ा अच्‍छा लगता है। इस बार मैं बस अपनी मां और बहन के साथ रहने वाली हूं। हां संभवत: जूम कॉल पर अपने चाहने वालों की दुआएं हासिल कर लूंगी।

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काम और सेट को कर रही हैं मिस

जिंदगी में व्‍यस्‍तता तो रही है। पर मुझे परिवार के साथ वक्‍त बिताना अच्‍छा लगता है। साथ ही में शूटिंग और सेट्स को मिस तो कर ही रही हूं। काम को मिस कर रही हूं। उम्‍मीद है कि जल्‍द सब पहले की तरह हो जाए। ऐसा मुमकिन होता नजर आ रहा है। लोग वायरस के साथ तालमेल बना रहे हैं।

लॉकडाउन में क्रिएटिव काम करके बिता रही हैं समय

बाकी क्रिएटिव लोगों की तरह मैंने भी खुद को रचनात्‍मक कामों में व्‍यस्‍त रखा है। कुछ अलग हुनर में हाथ आजमाए हैं। कुकिंग और घर के बाकी कामों में हाथ बंटाए। इन सबके अलावा ढेर सारा लिख रही हूं। खूब किताबें पढ़ रही हूं। जमकर मेडिटेशन भी किया। इन सब ने मुझे खासा व्‍यस्‍त रखा। मैंने काफी डि‍जिटल करार भी किए इन महीनों में। इन सबने मुझे जाहिर तौर पर काफी व्‍यस्‍त रखा।

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बहन के साथ करती हैं पागलपंती

बीते चार महीनों ने परिवार के साथ रहने में काफी मदद की। ऐसे में कई नए पहलुओं के बारे में भी जानने का मौका मिला। सब साथ मिलकर कुकिंग से लेकर रीडिंग करते रहे। जाना कि मेरी बहन को काम से संबंधित किन चीजों की जरूरत है। वह मुझसे दस गुना ज्‍यादा काम करती है। जबसे लॉकडाउन हुआ है उसे कभी काम से ब्रेक लेते नहीं देखा है। सिर्फ नाश्‍ते और चाय पर हम दो घंटे साथ बैठ पाते रहे। उस दौरान आपस के जज्‍बात शेयर किए। थोड़ी बहुत पागलपंती भी की।

लॉकडाउन के दौरान मैंने भी जूम नैरेशन लिए। महसूस हुआ कि यह बुरा एक्‍सपीरिएंस नहीं है। यह भी उतना ही असरदार है, जितना फेस टु फेस नैरेशन। मुझे तो यह ऑनलाइन नैरेशन का कॉन्‍सेप्‍ट सही लगा। अच्‍छी बात यह रही कि ढेर सारे राइटर्स भी बिजी रहें होंगे। हालांकि कामना तो यही है कि पुराने दिन वापस लौटें। हमें इस माहौल में भी काम पर जाने की जरूरत है। इकॉनोमी को बेहतर करने की दरकार है। तभी मैं सेट्स पर जाने को बेकरार हूं। डेली वेजेस वर्कर्स के बारे में सोच कर दुख होता है कि काम शुरू न होने की वजह से वे कितना परेशान हो रहे हैं। मैं वर्कोहॉलिक हूं। यूं बैठे रहना कतई नहीं सुहाता। बहरहाल, दो फिल्‍मों के किरदारों की क्रिएशन पर मेरा प्रेप वर्क शुरू हो चुका है। उम्‍मीद है, जल्‍द शूट शुरू हो।



 

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 from Dainik Bhaskar  

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