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‘मैं खुशनसीब हूं कि भारत में मुमताज बनकर पैदा हुई; जो प्यार हिंदुस्तान के लोग देते हैं, वो और कहीं नहीं मिलता’




26 साल की उम्र में अपनी शादी के लिए अपना स्टारडम छोड़ देने वाली दिलकश और शोख अदाकारा मुमताज आज 73वें साल में कदम रख रही हैं। खिलौना (1970), ब्रह्मचारी (1968), आइना (1977), आपकी कसम (1974), जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों को यादगार बना चुकीं एक्ट्रेस मुमताज अब एक ब्रिटिश नागरिक बन चुकी हैं और पांच नाती-पोतों से भरे परिवार में खुशहाल शादीशुदा जिंदगी जी रही हैं।

मुमताज को दारा सिंह के साथ काम करने के बाद इंडस्ट्री में बड़ी पहचान मिली। कई अभिनेता ऐसे भी थे जो उन्हें स्टंट फिल्मों की हीरोइन बताकर उनके साथ काम करने से मना कर देते थे। हालांकि एक्ट्रेस ने अपनी शोख अदाओं से फिल्मों में रोमांस, ड्रामा और इमोशनल अदाकारी का नया मुकाम हासिल किया।

1947 में जन्मीं मुमताज ने 11 साल की उम्र से बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम करना शुरू किया था। 1969 में मुमताज को राज खोसला ने उभरते सितारे राजेश खन्ना के साथ दो रास्ते फिल्म में मौका दिया और ये फिल्म उनके करियर के लिए माइलस्टोन साबित हुई। इसके बाद अचानक ही बी-ग्रेड फिल्मों की अदाकारा कही जाने वाली मुमताज स्टार बन गईं और इंडस्ट्री का हर बड़ा हीरो उन्हें अपनी लीडिंग लेडी बनाने की चाहत रखने लगा था। आज मुमताज को इंडस्ट्री छोड़े 40 साल हो गए। परदेस में बैठी मुमताज को हिंदुस्तान बहुत याद आता है और वे कहती हैं, 'मैं बहुत ही खुशनसीब और शुक्रगुजार हूं कि मैं भारत में मुमताज बनकर पैदा हुई। जो प्यार लोग हिंदुस्तान में देते हैं वो कहीं भी दुनिया में नहीं मिलता।'

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73वें जन्मदिन पर दैनिक भास्कर के लिए मशहूर बॉलीवुड जर्नलिस्ट फहीम रूहानी ने मुमताज के साथ उनके सुनहरे दिनों के किस्से दोहराते हुए खास बातचीत की, उसी के अंश -

आपके लंदन, युगांडा, कीनिया, न्यूयॉर्क में घर हैं, ग्लोबल सिटीजन होकर कैसा लगता है

(हंसते हुए) मैं सिर्फ इतना जानती हूं कि मैं ब्रिटिश नागरिक हूं। मगर ये बहुत मुश्किल है। ये सारे घर मेंटेन करना कोई आसान काम नहीं है। ऐसे ही नहीं बन गए। जहां भी जाओ काम करना पड़ता है, ये नहीं चल रहा वो नहीं चल रहा। इससे अच्छा तो है कि आपका एक ही घर हो। इसमें ही आपको खुशी मिलती।

73 सालों में आपकी जिंदगी का सबसे बेहतरीन वक्त कौन सा रहा?

मेरे संघर्ष के दिन सबसे बेहतरीन रहे। उस दौर में फिल्मों के लिए जी-जान से जुटे रहना मेरी जिंदगी का सबसे बेहतरीन वक्त था।

जब आपने दारा सिंह के साथ 16 एक्शन फिल्में की तब?

हर फिल्म एक याद है। संघर्ष करना बहुत बेहतरीन रहा है। जितना जो चीज मुश्किल होती है उसकी उतनी कदर होती है। वो मेरी जिंदगी के सबसे खूबसूरत दिन थे। 13 से 26 सालों तक का समय। फिर मैंने शादी कर ली और इंडस्ट्री छोड़ दी। अब मेरी एक अलग जिंदगी है। और मुझे उन दिनों पर आज भी गर्व है।

अपनी प्रतिद्वंद्वी रहीं शर्मिला टैगोर को याद करती हैं?

नहीं, कोई विरोधी नहीं था। मैं कोई पिक्चर नहीं करती थी तो वो उनके पास चली जाती थीं। ज्यादातर मेरी कई फिल्में जो मैंने नहीं की थीं वो उनके पास गई थीं। मगर हम दोनों के बीच ऐसा कुछ नहीं था। मुझे कभी एहसास ही नहीं हुआ कि हम दोनों के बीच ऐसा कुछ था। क्या आपने कभी ऐसा सुना है।

आपको ऑफर कोई रोल जब किसी और को मिल जाता था तो कैसा लगता था?

मेरे जैसे रोल अगर कोई दूसरी औरत कर सकती है तो प्रोड्यूसर उनके पास चले जाते थे। कई बार ऐसा होता है कि आप कोई रोल करना चाहते हो मगर प्राइस (फीस) के चलते आपको छोड़ना पड़ता है। किसी ने कम प्राइस में अपना लिया तो थोड़ी फीलिंग होती है। ये एक दो बार हुआ होगा मेरे साथ। उस जमाने में मैं अपने प्राइस को लेकर काफी सख्त थी। मैं 8 लाख रुपए लेती थी। जो काफी ज्यादा होता था। वो एक दो लाख इधर-उधर हो जाने से दिल दुखता था।

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हेमा मालिनी और शर्मिला टैगोर आज भी शो-बिज का हिस्सा है, क्या आप भी वापसी करना चाहेंगी?

देखिए, मैंने कभी नहीं कहा कि मुझे कभी इंडस्ट्री में वापस नहीं जाना या मुझे जाना पसंद है। मेरे पास वापस जाने का समय नहीं है। मैं व्यस्त हूं और अपने परिवार में लगी हुई हूं। जब मुझे पैसों की जरूरत होगी तो वापस जाकर कहूंगी, सलाम, ‘मुझे काम चाहिए, मुझे काम दो’। कोई वजह अभी तक निकली ही नहीं है जिसके लिए मुझे वापस जाना चाहिए। हालांकि मुझे इंडस्ट्री का हिस्सा रहने पर गर्व है।

आप अपनी बेस्ट परफॉर्मेंस में कौन सी फिल्म सिलेक्ट करेंगी?

ये बहुत मुश्किल सवाल है। कोई कैसे बता सकता है कि लोगों को कौन सी परफॉर्मेंस पसंद आ जाए। मैंने तेरे मेरे सपने, 1971 में इतना अच्छा काम किया था लेकिन अवॉर्ड ‘खिलौना’ में मिला। मुझे लगता है कि मेरी एक्टिंग ‘खिलौना’ से ज्यादा ‘तेरे मेरे सपने’ में ज्यादा अच्छी थी। कई लोग आज भी ‘बिंदिया चमकेगी’ आपकी बेस्ट परफॉर्मेंस है कहते हैं। यह तो सब देखने वालों पर है, या तो सितारे अर्श पर होंगे या फर्श पर।

इंडस्ट्री में बने रहने के लिए झूठ कितना जरूरी है?

मैं तो ये बोलूंगी कि झूठ बोलने से अच्छा है मुंह बंद करके बैठो। आप एक विजेता रहोगे। जब आपको कमेंट नहीं करना है तो चुप चाप रहो। बोलकर बहुत गड़बड़ होती है बाद में।

इन दिनों किस एक्ट्रेस का स्टाइल अच्छा लगता है?

आज की सभी लड़कियां अच्छे कपड़े पहनती हैं। शिल्पा शेट्टी अच्छे कपड़े पहनती हैं, अच्छी लगती है। सोनम, करीना और कंगना भी अच्छी लगती हैं। वो लड़की जो लंदन से आई है, कटरीना कैफ वो बहुत बेहतरीन और एलीगेंट लगती है। आजकल टाइम बदल गया है। हमारे जमाने में कुछ नहीं था। बैठने के लिए वैन भी नहीं थी।

आपको सुविधा ना मिलने पर अफसोस है?

नहीं मुझे जिंदगी में कोई अफसोस नहीं है। मैं बस फर्क बता रही हूं। जय जय शिव शंकर गाने के दौरान (आप की कसम, 1974) अगर आपको टॉयलेट जाना है तो 10 किलोमीटर दूर जाना पड़ता था। उन दिनों कुछ भी नहीं थी। हमें कुछ नहीं मिलता था, आजकल के यंगस्टर बहुत लकी हैं।

फरदीन (दामाद) ने कई दिनों से फिल्में नहीं की क्या इसके लिए आप राजनीति को दोषी मानेंगी?

नहीं, हमारी फिल्म लाइन में ऐसा नहीं है। अगर आज भी फरदीन अपना फिगर मेंटेन करेगा और अच्छा लगने लगेगा तो उसे ऑफर मिलेंगे। प्रोड्यूसर्स उसे लेंगे मगर उसके लिए उसे अपना वजन कम करना पड़ेगा और फिट दिखना होगा। अगर अपने आपको आप संभालो, अच्छे से रखो तो काम मिलता है। मुझे नहीं लगता कि यहां राजनीति है। आपको परफेक्ट दिखना होगा क्योंकि उनके करोड़ों रुपए इसमें लगे हैं। वो आपसे ज्यादा कुछ नहीं चाहते। इसके लिए आप दूसरों को जिम्मेदार नहीं मान सकते।


 









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 from Dainik Bhaskar  

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