गुरुवार की शाम को केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल ने फिक्की की वर्चुअल कांफ्रेंस में कहा कि फिल्म प्रोड्यूसर्स देश में शूट करने पर जोर दें। विदेशों में शूट करने में ज्यादा दिक्कत हैं। बहुत ज्यादा कागजी कार्रवाई है। उसमें बरसो लग जाएंगे।
विदेश में सुरक्षा के अच्छे इंतजाम हैं- टीपी अग्रवाल
प्रहलाद पटेल की बात पर निर्माताओं के संगठन ने ऐतराज जताया है। इंपा के प्रमुख टीपी अग्रवाल ने कहा,'देश में भी विभिन्न लोकेशनों पर हालात बेहतर कहां है? दूसरी चीज कि यहां पर प्रोड्यूसर्स की लागत ज्यादा है। विदेशों में बस 20 से 30 लोगों की पूरी टीम ले जानी होती है बाकी के स्टाफ वहां हायर हो जाते हैं। फिजी, श्रीलंका, मॉरीशस, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड में शूटिंग की लागत भारत के मुकाबले 30 से 40 फीसदी कम हो जाती है। वहां सुरक्षा के इंतजाम ज्यादा अच्छे हैं।
विदेश में शूट करना भारत के मुकाबले कम खर्चीला
टीपी अग्रवाल की बातों से ट्रेड पंडित सहमति जताते हैं। उनका कहना है कि भारत में प्रोड्यूसर्स को लुभाने के लिए सरकार काम कर रही है। कोरोना की महामारी को देखते हुए भी सरकार फिल्म बिरादरी को शूटिंग करने की एवज में इंसेंटिव देने का मन बना रही है। जल्द इस बाबत एक स्टैंडर्ड प्रोसीजर आने वाला है। वरना अब तक तो यही होता आया है कि सबसे ज्यादा टैक्स इसी इंडस्ट्री पर लगाया जाता रहा है, बदले में सुविधाएं और रियायतों से यह इंडस्ट्री महरूम रही है। इससे जाहिर है कि अब तक भारत में फिल्म बनाना विदेशों के मुकाबले खर्चीला काम रहा है।
टीपी अग्रवाल जोर देकर कहते हैं, 'इंग्लैंड में वहां का प्रशासन वैसे प्रोजेक्टों पर रियायत दे रहा है, जहां इंडस्ट्री के बड़े नाम जुड़े हैं। जैसे अक्षय कुमार। बेल बॉटम की टीम इंग्लैंड इसलिए जा रही है, क्योंकि वहां परमिशन आसानी से मिल रही है । ऐसे में केंद्रीय मंत्री का बयान और दावा सही नहीं है। सरकार को वो सारे उपाय करने चाहिए, जिससे फिल्म बिरादरी को बाउंस बैक करने में मदद मिले। ना की कन्फ्यूजन की स्थिति पैदा की जाए।
from Dainik Bhaskar
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