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दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के बेहद करीबी दोस्त और टीवी कलाकार महेश शेट्टी ने हाल ही में उन्हें याद करते हुए सोशल मीडिया पर एक बड़ी सी पोस्ट लिखी। जिसमें उन्होंने सुशांत के जाने पर होने वाले दुख को साझा किया। उन्होंने बताया कि हम दोनों भाई की तरह थे और जब आपके दिल का एक टुकड़ा अचानक आपसे दूर हो जाए, तो इस दर्द को कोई कैसे बता सकता है।
महेश ने सुशांत के साथ रात के वक्त बाइक पर बैठे हुए एक फोटो भी शेयर किया, कैप्शन में उन्होंने सुशांत को संबोधित करते हुए लिखा, 'बहुत कुछ अनुत्तरित छूट गया और बहुत कुछ बात करने के लिए बाकी रह गया। मैं आप सभी को इसके बारे में बताऊंगा, जब मैं आपसे फिर मिलूंगा।'
हम दोनों की अपनी दुनिया थी
'खाने को लेकर हमारे प्यार और फिल्म सिटी में लंबी-लंबी वॉक करते हुए हमने इसे और बढ़ाया और हमें ये पता ही नहीं चला कि कब और कैसे हम एक-दूसरे के जीवन का अभिन्न अंग बन गए। दोस्ती के मामले में दोनों अंतर्मुखी और आश्चर्यजनक रूप से पुराने जमाने की चीजों को पसंद करने वाले थे। दोनों हमारी अपनी छोटी सी निजी दुनिया में रहते थे।'
वो किसी भी चीज पर बात कर सकता था
'इतनी सारी यादें, हमारी यात्राएं, हमारी अंतहीन बातें (वो दुनिया की किसी भी चीज के बारे में बात कर सकता था, वो भी बराबरी के साथ), खाना, फिल्म्स, किताबें, प्रकृति, विज्ञान, रिश्ते और भी बहुत सारी बकवास... कैंडी की दुकान पर वो बच्चा बन जाता था और वो असीम ऊर्जा जो असीमित सपनों से सजी हुई थी, हमेशा दूसरों को प्रभावित करती थी।'
हमें दोस्ती के दिखावे की जरूरत नहीं थी
'उसने मुझे प्यार का अहसास कराया। हम एक अनोखा बंधन शेयर करते थे और मुझे हमेशा से इस बात की खुशी थी कि हमारे रिश्ते को किसी भी सार्वजनिक प्रदर्शन या सार्वजनिक मान्यता की जरूरत नहीं है। ये हम दोनों के लिए पवित्र था। काश मैंने इसे ढेर सारे फोटोज में कैद किया होता, ताकि कम से कम अब मेरे पास पीछे मुड़कर देखने के लिए कुछ होता। लेकिन फिर भी मैं आभारी हूं कि कम से कम मेरे पास संजोने के लिए पिछले 13 वर्षों की यादों से भरी यात्रा है, जो मेरे जीवन के बाकी हिस्सों के लिए है।'
नहीं बता पाऊंगा वो कितना बड़ा जीनियस था
'उसकी सफलता, उसकी उपलब्धियां, उसका काम... वो हमेशा एक परफेक्शनिस्ट था और मैं चाहे कितना भी कह लूं, मैं कभी ये नहीं बता पाऊंगा कि वो कितना जीनियस था। मैं व्यक्त नहीं कर सकता कि मुझे कितनी खुशी होती थी, जब मैं हर बार उनकी फिल्म को बड़े पर्दे पर देखता था। वे कड़ी मेहनत करते हुए अपने दिन-रात उन किरदारों के पीछे लगा देते थे। वे मेरे आसपास के लगभग सभी लोगों के लिए एक प्रेरणा थे, और ये बात मुझे और भी गर्व महसूस कराती है। वे हमेशा आंखों में सपने लिए जीवन से भरे हुए थे। जो भी उनसे प्यार करता था, वो स्वतः ही मेरे परिवार का हिस्सा भी बन जाता था और वो हमेशा उसी तरह रहेगा।'
खेती करने के सपने देख रहे थे
महेश ने आगे लिखा, 'मैंने कभी नहीं सोचा था भाई कि मैं कभी आपके लिए ये सब लिखूंगा। यहां हम रिटायरमेंट के बाद की योजनाएं बनाते हुए खेती करने के सपने देख रहे थे और अब ये... पता नहीं क्यों लेकिन मुझे हमेशा से पता था कि तुम पर उसका आशीर्वाद है... लेकिन कभी उम्मीद नहीं की थी कि वो तुम्हें इतनी जल्दी ले जाएगा। मैं आपकी विरासत को हमेशा अपने दिल से निहारता रहूंगा और इसे बेकार नहीं जाने दूंगा।'
खालीपन है जो कभी नहीं भरेगा
'काश दुनिया आपके काम के जितना ही आपकी जिंदगी का भी उत्सव मनाती। ऐसा लग रहा है जैसे अचानक कोई खालीपन आ गया है, जो कभी नहीं भरेगा। हमारे जीवन की हर महत्वपूर्ण घटना के लिए हम हमेशा एक-दूसरे के लिए खड़े रहते थे। अगर आपके दिल का एक टुकड़ा अचानक आपसे दूर हो जाए, तो आप इसे कैसे बताओगे। कैसे आप खुद को तमाम क्यों और अन्य सैकड़ों सवालों और किंतु-परंतु के बीच जीने के लिए मनाओगे?'
बात तो कर लेता यार
हम भाइयों की तरह मिले थे
इसके अलावा चार फोटो पोस्टर में महेश ने लिखा, 'ये बेहद अजीब अनुभव है... मेरे पास कहने के लिए बहुत कुछ है, लेकिन फिर भी मैं निःशब्द भी हूं।' 'कभी-कभी जीवन में आप किसी से मिलते हैं और त्वरित संबंध महसूस करते हैं, जैसे कि आप उसे जिंदगी में काफी पहले से जानते रहे हैं और आपको अहसास होता है कि भाई होने के लिए आपको एक ही गर्भ से पैदा होने की जरूरत नहीं है। इसी तरह हमारी मुलाकात हुई... हम भी भाइयों की तरह मिले थे।'
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