एम्स ने सुशांत सिंह राजपूत की विसरा रिपोर्ट सीबीआई को सौंप दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एम्स की टीम को विसरा में किसी तरह का जहर नहीं मिला है। सुशांत मामले की ऑटोप्सी रिपोर्ट की जांच के लिए 21 अगस्त को डॉ. सुधीर गुप्ता की लीडरशिप में एम्स के पांच डॉक्टर्स की टीम बनाई गई थी। टीम 20 सितंबर को रिपोर्ट सौंपने वाली थी, लेकिन इसमें 8 दिन की देरी हो गई।
सूत्रों के मुताबिक, सुशांत की बॉडी का पोस्टमार्टम करने वाले मुंबई के कूपर हॉस्पिटल के डॉक्टर्स को क्लीन चिट नहीं दी गई है। दरअसल, कूपर अस्पताल के डॉक्टर्स ने सुशांत की ऑटोप्सी की थी। इसके तरीके पर सवाल उठे थे। सुशांत के गले के निशान पर रिपोर्ट में कुछ भी नहीं बताया गया था। यहां तक की मौत की टाइमिंग भी नहीं बताई गई थी। इसके बाद सीबीआई ने इसकी जांच एम्स से कराने का फैसला किया था।
एम्स की टीम को क्या मिला?
- सूत्रों के मुताबिक, 20 फीसदी विसरा की जांच करने के बाद एम्स की टीम को शरीर में किसी तरह का ऑर्गेनिक जहर नहीं मिला। हालांकि, रिपोर्ट में कूपर हॉस्पिटल के डॉक्टर की ऑटोप्सी करने के तरीकों पर सवाल उठाए।
- सुशांत मामले की ऑटोप्सी रिपोर्ट की जांच के लिए 21 अगस्त को डॉ. सुधीर गुप्ता की लीडरशिप में एम्स के पांच डॉक्टर्स की टीम बनाई गई थी। इसके बाद उन्होंने कूपर हॉस्पिटल की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और कलीना (मुंबई) फॉरेंसिक लैब से सुरक्षित रखा गया 20 फीसदी विसरा रिसीव कर जांच शुरू कर दी थी। पहले यह टीम 20 सितंबर को रिपोर्ट सौंपने वाली थी। लेकिन इसमें 8 दिन की देरी हो गई।
सुशांत मामले में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद 6 अगस्त को केस दर्ज किया था। सीबीआई ने यह जांच अपने हाथ में बिहार सरकार के दर्ज किए गए केस के आधार पर शुरू की गई थी। यह शिकायत सुशांत सिंह के पिता केके सिंह की ओर से बिहार पुलिस के समक्ष दर्ज की गई थी। परिवार का आरोप है कि सुशांत ने आत्महत्या नहीं की, बल्कि उसका मर्डर किया गया है।
सिर्फ 20 प्रतिशत विसरा के आधार पर बनी रिपोर्ट
एम्स ने एक्टर के 20 प्रतिशत विसरा की जांच पर तैयार की गई है, क्योंकि मुंबई पुलिस ने सुशांत का 80% विसरा अपनी जांच में इस्तेमाल कर लिया था। सुशांत सिंह राजपूत ने 14 जून को अपने बांद्रा स्थित फ्लैट में आत्महत्या कर ली थी।
मुंबई पुलिस की जांच में फाउल प्ले नहीं मिला था
करीब तीन महीने पहले मुंबई पुलिस ने भी विसरा रिपोर्ट जारी की थी। पोस्टमॉर्टम के बाद सुशांत का विसरा जांच के लिए कलिना फॉरेंसिक लैब को दिया गया था। लैब ने 80 फीसदी विसरा का इस्तेमाल किया था और अपनी रिपोर्ट में दिवंगत अभिनेता एके शरीर में किसी भी तरह का संदिग्ध केमिकल या जहर पाए जाने की बात से इनकार किया था।
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