सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी है। ताजा जानकारी के मुताबिक, सुशांत की मौत की वजह आत्महत्या थी। इन सबके बीच मुंबई पुलिस को यह जानकारी मिली है कि सुशांत की मौत पर फर्जी खबरें प्रचारित करने के लिए 80 हजार से ज्यादा फेक सोशल मीडिया अकाउंट खोले गए थे।
मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने बताया कि इन फर्जी अकाउंट्स के जरिए मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार को बदनाम करने की कोशिश की गई। उन्होंने साइबर सेल से इस मामले की जांच करने और दोषियों पर आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज करने का आदेश दिया है।
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दिग्विजय सिंह ने कहा मामले की जांच होनी चाहिए
इस खुलासे के बाद कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को ट्वीट करते हुए कहा कि मुंबई पुलिस की छवि धूमिल करने के लिए 80 हजार से अधिक फर्जी अकाउंट बनाने की जांच होनी चाहिए।
एक अन्य ट्वीट में दिग्विजय सिंह ने कहा कि सोशल मीडिया पर फेक अकाउंट बनाना बीजेपी की ताकत है। क्या गैर-भाजपा सरकार ऐसे सभी घोस्ट अकाउंट क्रिएटर्स के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकती है? मुझे यकीन है कि वे कर सकते हैं, जो हमें चाहिए वह एक मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति है।
इटली, जापान और थाईलैंड जैसे देशों में बने फर्जी अकाउंट
साइबर यूनिट ने एक रिपोर्ट बनाई है, जिसमें कहा गया है कि सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म पर इटली, जापान, फ्रांस, रोमानिया, तुर्की, थाईलैंड, इंडोनेशिया, पोलैंड और स्लोवेनिया जैसे देशों से पोस्ट किए गए हैं। एक आईपीएस अधिकारी ने बताया कि 'हमने विदेशी भाषा में पोस्ट की पहचान की है। इसमें #justiceforsushant #sushantsinghrajput और #SSR हैशटैग का इस्तेमाल किया गया। हम इन अकाउंट्स के बारे में ज्यादा जानकारी जुटाने की कोशिश में हैं।'
पुलिस का मनोबल तोड़ने का किया गया प्रयास
मुंबई के पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने बताया कि, 'इस तरह के कैंपेन से हमारे मनोबल को कमजोर करने की कोशिश की गई। यह सब उस वक्त किया गया जब कोरोना वायरस के चलते हमारे 84 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी और करीब छह हजार से ज्यादा जवान कोरोना संक्रमित थे। यह कैंपेन जानबूझकर चलाया गया जिससे मुंबई पुलिस की छवि को धूमिल किया जा सके और जांच की दिशा भटकाई जा सके। सोशल मीडिया पर कई फर्जी अकाउंट्स बनाए गए थे जिसमें मुंबई पुलिस के लिए असभ्य भाषा का इस्तेमाल किया गया। हमारा साइबर सेल विस्तार से जांच कर रहा है। जो भी कानून के उल्लंघन का दोषी पाया जाएगा उस पर आईटी एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।‘
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