सैफ अली खान का एक साल पुराना इंटरव्यू मीडिया में वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि जो संपत्ति उन्हें विरासत में मिलनी थी, वह भी उन्हें अपनी फिल्मों की कमाई से खरीदनी पड़ी थी। सैफ की मानें तो पिता मंसूर अली खान पटौदी के इंतकाल के बाद पटौदी पैलेस नीमराणा होटल्स के पास लीज पर चला गया था, जिसमें 2014 तक लग्जरी प्रॉपर्टी के रूप में ऑपरेट किया गया।
मिड डे से बातचीत में सैफ ने कहा था- जब मेरे पिता का इंतकाल हो गया तो पटौदी पैलेस नीमराणा होटल्स के पास किराए से चला गया। अमन (नाथ) और फ्रांसिस (वैकज़ार्ग) होटल चलाते थे। फ्रांसिस की मौत हो गई। उन्होंने मुझसे पूछा था कि क्या मैं पैलेस वापस चाहता हूं? मैंने कहा- हां वापस चाहता हूं। उन्होंने एक कॉन्फ्रेंस की और कहा- ठीक है। तुम्हे इसके लिए हमें ढेर सारे पैसे देने होंगे।
'मुझे कुछ विरासत में नहीं मिला'
सैफ कहते हैं- लगातार कमाई कर मैंने पैलेस को छुड़ाया। यानी कि जो घर मुझे विरासत में मिलना चाहिए था, उसे भी मैंने फिल्मों से हुई कमाई से पाया। आप अतीत से दूर नहीं रह सकते। खासकर अपने परिवार से तो बिल्कुल भी नहीं। मेरी परवरिश इसी तरह हुई, लेकिन मुझे विरासत में कुछ नहीं मिला।
'बॉम्बे में हुआ मेरा जन्म और पालन-पोषण'
इसी इंटरव्यू में सैफ ने अपने अतीत पर रोशनी डालते हुए कहा था- मेरा जन्म और पालन-पोषण बॉम्बे (मुंबई) में हुआ। मेरे पिता मां (शर्मिला टैगोर) के साथ उनके कारमाइकल रोड स्थित फ्लैट में रहते थे। मैं कैथेड्रल गया, बॉम्बे जिम में वक्त बिताया।
एक ऐसी दुनिया थी, जो फिल्मों से ज्यादा मेरे पिता से प्रभावित थी। उन्होंने तब अपना क्रिकेट करियर पूरा ही किया था। उनके अंतिम टेस्ट सीरीज के वक्त मैं 4-5 साल का था।
मेरी मां कहती हैं कि वे (पिता) अपनी जिम्मेदारियों से बचते रहे। उनकी मां भोपाल और पटौदी की देखभाल करती थीं। जब वे बूढ़ी हुईं तो हम उनके साथ रहने दिल्ली चले गए, जहां उनका बहुत खूबसूरत और बड़ा घर था, जो भारत सरकार ने जमीन, संपत्ति और अन्य तरह के समझौते के चलते उन्हें जिंदगीभर के लिए दिया था।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
https://ift.tt/3ocArMC from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3lULt76
0 Comments