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ग्रेसी सिंह, शुभांगी अत्रे से लेकर ऐश्वर्या सखूजा तक, लॉकडाउन में वर्चुअल रक्षाबंधन मनाएंगे सेलेब

इस साल लॉकडाउन की वजह से कई लोगों के रक्षाबंधन का त्यौहार मनाने की प्लानिंग में बदलाव आए हैं। हाल ही में दैनिक भास्कर ने कुछ जाने-माने टेलीविजन पर्सनालिटीज से बात की और जाना कि वे लॉकडाउन में कैसे इस त्यौहार को सेलिब्रेट कर रहे हैं। इस दौरान कई सेलेब्स ने इस त्यौहार से जुडी कुछ खास यादें भी हमसे साझा की हैं।

ग्रेसी सिंह: दुर्भाग्यवश स्थिति ऐसी है कि हम साथ में नहीं होंगे।

हर साल इस खास दिन को अपने परिवार के साथ मनाने के लिए मैं दिल्ली अपने घर जाती थी, लेकिन इस साल महामारी के कारण ऐसा नहीं हो पाएगा। यह एक वर्चुअल सेलिब्रेशन की तरह होगा। मैंने पहले से ही अपने भाई के लिए एक सुंदर राखी और स्पेशल उपहार खरीदकर कोरियर करवा दिया है। मैं उसके साथ रहना अधिक पसंद करती, लेकिन दुर्भाग्यवश स्थिति ऐसी है कि हम साथ में नहीं होंगे। मैं इंतजार कर रही हूं कि मैं उससे जल्द से जल्द मिलूं और हम बहुत सारी मस्ती करें। तब तक हम एक-दूसरे के साथ वीडियों कॉल के द्वारा जुड़े रहेंगे। वह मेरे बच्चे की तरह है और मेरे दिल के बहुत करीब है। कभी-कभी जब मैं पीछे मुड़कर देखती हूं तो चाहती हूं कि वही बचपन वापस आ जाए।

भाई के साथ राखी सेलिब्रेट करतीं ग्रेसी। पुरानी तस्वीर।

राहुल शर्मा: मुझे खुद ही तिलक लगाना पड़ेगा

मैं चाहे कितना भी व्यस्त क्यों ना रहूं मगर रक्षा बंधन, होली और दीवाली पर घर जरूर जाता हूं। यह पहली बार होगा जब मैं रक्षा बंधन पर नहीं जा पा रहा हूं। बहनें राजस्थान में हैं और मैं मुंबई में हूं | मगर इस बार हम वीडियो कॉल पर राखी का त्योहार मनाएंगे। मेरी बहनें राखी भेजेंगी और एक वीडियो कॉल पर हम एक साथ जश्न मनाएंगे। मुझे खुद ही तिलक लगाना पड़ेगा | मेरी दो सगी बहनों के अलावा गर आप सभी की गिनती करे तो मेरी कुल 26 बहने हैं। हर साल वे घर पर इकट्ठी होती थीं। मैं घर नहीं जा पाता था तो थे सब मुंबई आ जाती थीं। मेरी पूरी कलाई राखियों से भर जाती थी। जब भी उन्हें देखता हूँ तो एक प्यारा-सा अहसास होता है। हम रक्षाबंधन के दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं।

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शुभांगी अत्रे: अपनी बहनों और पिताजी को राखी कुरियर कर दी है

मेरी दो बड़ी बहनें हैं और कोई भाई नहीं है। हर साल हम तीनों बहनें अपने पिताजी की कलाई पर राखी बांधती हैं कि वह सभी मुसीबत, संकट और विपरीत हालात में हमारी रक्षा करेंगे। हम बहनों के बीच जो खूबसूरत रिश्ता है, उसे जाहिर करने के लिए हम तीनों एक दूसरे की कलाई पर भी राखी बांधती हैं। इस साल मैंने अपने होमटाउन में अपनी बहनों और पिताजी को राखी कोरियर कर दी है। मैं नहीं जानती थी कि किसी समय हमारे लिए वीडियो कॉल इतनी महत्वपूर्ण हो जाएगी, जो हमारे सारे परिवार को एक दूसरे से कनेक्ट करेगी। इस खुशी के मौके पर मेरी घर पर ही मिठाइयां बनाने की योजना है।

पिता और बहन के साथ शुभांगी।

प्रणिता पंडित: भाई के साथ ये त्यौहार मानना चाहती थी क्योंकि मैं गर्भवती हूं

इस साल का रक्षाबंधन मैं वाकई में अपने भाई के साथ मानना चाहती थी क्योंकि मैं गर्भवती हूं। लेकिन मेरी ये इच्छा पूरी नहीं होगी। मैं सिर्फ वीडियो कॉल पर ही उससे बात कर पाउंगी। मेरी बहन, जो दिल्ली में रहती है, मेरी तरफ से राखी बांधकर चली जाएगी। मेरा भाई मुझे हमेशा सच्चाई और अपनी ईमानदार राह पर चलने की सलाह देता है, वो खुद भी बहुत सरल स्वभाव का हैं। आज तक मैंने ये त्यौहार हमेशा उसके साथ मनाया हैं लेकिन इस बार लॉकडाउन की वजह से ऐसा नहीं होगा।

पुरानी तस्वीर में भाई के साथ पोज करती हुईं प्रनिथा।

ऐश्वर्या सखूजा: वीडियो कॉल जिंदाबाद

दुःख तो है कि इस साल अपने भाई और भाभी के साथ रक्षाबंधन का त्यौहार नहीं मना पाउंगी हालांकि वीडियो कॉल जिंदाबाद (हंसते हुए) हां, ये एक अच्छी बात हैं कि टेक्नोलॉजी मुझे और मेरे भाई को आमने-सामने स्क्रीन पर देखने का मौका देंगी। ये त्यौहार मेरे लिए बहुत स्पेशल हैं क्योंकि मैं अपने भाई और भाभी के बहुत करीब हूं। सच कहूं तो इस बार कोई भी त्यौहार मनाने की इच्छा नहीं है। पूरी दुनिया एक बुरे दौर से गुजर रही हैं और हम सभी बस इस बुरे दौर से निकल जाए, मैं बस यही हर दिन दुआ करती हूं।

कामना पाठक: मां से खीर बनाने के लिए कहा जिससे हम एक दूसरे को मिस न करें

यह लॉकडाउन वाकई हमारे लिए एक इम्तिहान जैसा था क्योंकि मैं इंदौर में अपने परिवार के साथ थी और वह थिएटर में होने वाले नाटक के सिलसिले में चंडीगढ़ मैं था। मैं इस लाॅकडाउन में उससे मिलने के लिए बेहद उतावली थी और उसके साथ आर्ट, थिएटर, एक्टिंग के साथ-साथ लॉकडाउन में खोजी गई नई चीजों के बारे में बात करना चाहती थी। बदकिस्मती से इस साल हमें रक्षाबंधन वर्चुअल तरीके से ही मनाना होगा क्योंकि मैं अपने शो की शूटिंग के लिए मुंबई लौट चुकी हूं और वह चंडीगढ़ से परिवार के पास वापस इंदौर लौट चुका है। मैंने खासतौर से अपनी मां से कहा है कि वह रक्षाबंधन के दिन हमारी मनपसंद खीर जरूर बनाए, जिससे इस खास दिन पर हम दोनों एक दूसरे को मिस न करें। उसने मुझे एक खास उपहार भी भेजा है।

कामना पाठक और उनके भाई।

मीरा देवस्थले : अब मुझे भाई से मिलने के लिए एक साल और इंतजार करना होगा

मेरा भाई पिछले तीन वर्षों से कनाडा में है। इसलिए हर साल राखी पर हम एक दूसरे को उपहार भेजते हैं। मैं यहां मुंबई से उसके लिए राखी और मिठाई भेजती तो दूसरी तरफ भाई मेरे लिए ढेर सारे गिफ्ट्स कनाडा से भेजता। लेकिन इस साल हमारा प्लान था एक साथ रक्षाबंधन मनाने का। भाई कनाडा से घर आने वाला था लेकिन इस महामारी की वजह से ये प्लान कामयाब नहीं हो पाएगा। अब मुझे एक साल और इंतजार करना होगा उससे मिलने के लिए। मुझे याद हैं इस खास मौके पर भी हम एक दूसरे से लड़ना नहीं छोड़ते। छोटी-छोटी बातों पर लड़ते लेकिन जल्द्द से जल्द पैच-अप भी कर लेते। बचपन की ये यादें हमेशा स्पेशल रहेंगी।

परिवार के साथ मीरा।

शरमन जैन: इंडस्ट्री से सरगुन मेहता और सनाया ईरानी मुझे राखी बांधती हैं

जीवन में पहली बार मेरे लिए वर्चुअल रक्षा बंधन होगा। पंजाबी होने के नाते, राखी हमेशा हमारे लिए खास रही है क्योंकि आप और आपकी बहन उस दिन आकर्षण का केंद्र होते हैं। यह एक शानदार अहसास है। इंडस्ट्री से सरगुन मेहता और सनाया ईरानी मुझे राखी बांधती हैं। पिछले साल, मैं और शरगुन, हम दोनों यूके में अपनी पंजाबी फिल्म की शूटिंग में थे इसलिए उन्होंने सेट पर मुझे राखी बांधी। लेकिन इस साल वह पंजाब में है और मैं यहां मुंबई में। वही सनाया भी अपने भाई से मिलने गई है। इस साल मैं अकेला रहूंगा और मैं वास्तव में सभी को याद करूंगा।

सनाया ईरानी के साथ शरमन।

 
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 from Dainik Bhaskar  

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