इस तरह जुड़ा था भाई-बहन का रिश्ता
लता और मदन मोहन के रिश्ते के जुड़ने की कहानी भी बेहद दिलचस्प है। उस दिन रक्षाबंधन था। मदन मोहन इस बात से बेहद दुखी थे कि उनकी पहली फिल्म में लता मंगेशकर कोई गाना नहीं गा सकीं थीं। मदन मोहन, लता को अपने घर ले आए। वहां उन्होंने एक राखी लता को दी और कहा- आज राखी है। ये लो इसे मेरी कलाई पर बांध दो।
इसके बाद मदन मोहन ने लताजी को याद दिलाते हुए कहा- जब हम पहली बार मिले थे तब हमने भाई-बहन का ही गीत गाया था। आज से तुम मेरी छोटी बहन और मैं तुम्हारा मदन भैया। मैं वचन देता हूं, आज से तुम अपने भाई की हर फिल्म में गाओगी।
मरने के बाद भी निभाया गया वादा
यतीन्द्र नाथ मिश्र की किताब ‘लता सुर गाथा’ में इस वाकये का जिक्र किया गया है। लता से किया हुआ वादा मदन मोहन की मौत के बाद भी पूरा किया गया। दरअसल जब 2004 में फिल्म वीरजारा में मदन मोहन के कम्पोजिशन का इस्तेमाल किया गया तब फिल्म के सारे गाने लता मंगेशकर ने ही गाए थे और हर बार की तरह भाई-बहन की इस जोड़ी ने कालजयी गीतों की रचना कर दी।
लताजी को मदन भैया हमेशा याद आते हैं
लता मंगेशकर ने पिछले महीने मदन मोहन की पुण्यतिथि पर भी एक इमोशनल ट्वीट करते उन्हें याद किया था। लताजी ने एक गाना शेयर करते हुए लिखा था- कुछ लोग दुनिया से जल्दी चले जाते हैं लेकिन अपनों के पास हमेशा रहते हैं। इसी तरह मदन भैया उनके बच्चों के साथ और मेरे साथ हमेशा रहते हैं। हमेशा याद आते है। आज उनकी पुण्यतिथि पर मैं उनको विनम्र अभिनंदन करती हूं।
इसके अलावा 25 जून को मदन मोहन की जयंती पर भी लता जी ने उनकी एक फोटो के साथ पोस्ट शेयर किया था। जिसमें उन्होंने लिखा था- महान संगीतकार और मेरे राखी भाई मदन मोहन जी की आज जयंती है। मैं उनको कोटि-कोटि प्रणाम करती हूं।
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