सुशांत सिंह राजपूत की मौत के 110 दिन बाद बड़ा खुलासा हुआ है। मामले में सीबीआई की मदद कर रहे एम्स के पैनल ने अपनी रिपोर्ट में हत्या की आशंका से इनकार किया है। रिपोर्ट्स की मानें एम्स के फॉरेंसिक विभाग के हेड डॉ. सुधीर गुप्ता ने एक बातचीत में कहा कि सुशांत का मामला क्लियर कट खुदकुशी का मामला है। उनका मर्डर नहीं हुआ था। हालांकि, अभी तक सीबीआई की ओर से इसकी आधिकारिक पुष्टि होनी बाकी है।
विसरा में नहीं मिला था जहर
सुशांत की ऑटोप्सी रिपोर्ट की जांच के लिए 21 अगस्त को डॉ. सुधीर गुप्ता की लीडरशिप में एम्स के पांच डॉक्टर्स की टीम बनाई गई थी। टीम 20 सितंबर को रिपोर्ट सौंपने वाली थी, लेकिन इसमें 8 दिन की देरी हो गई। 28 सितंबर को एम्स ने अपनी रिपोर्ट सीबीआई को सौंपी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, टीम को विसरा में किसी तरह का जहर नहीं मिला है।
कूपर हॉस्पिटल को नहीं दी गई क्लीनचिट
सूत्रों के मुताबिक, रिपोर्ट में सुशांत की बॉडी का पोस्टमॉर्टम करने वाले मुंबई के कूपर हॉस्पिटल के डॉक्टर्स को क्लीन चिट नहीं दी गई है। दरअसल, कूपर अस्पताल के डॉक्टर्स ने सुशांत की ऑटोप्सी की थी। बाद में इसके तरीके पर सवाल उठे थे। सुशांत के गले के निशान पर रिपोर्ट में कुछ भी नहीं बताया गया था। यहां तक की मौत की टाइमिंग का भी जिक्र नहीं था। इसके बाद सीबीआई ने इसकी जांच एम्स से कराने का फैसला किया था।
मुंबई पुलिस की जांच में फाउल प्ले नहीं मिला था
करीब तीन महीने पहले मुंबई पुलिस ने भी विसरा रिपोर्ट जारी की थी। पोस्टमॉर्टम के बाद सुशांत का विसरा जांच के लिए कालीना फॉरेंसिक लैब को दिया गया था। लैब ने अपनी रिपोर्ट में दिवंगत अभिनेता के शरीर में किसी भी तरह का संदिग्ध केमिकल या जहर पाए जाने की बात से इनकार किया था।
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